Saturday 12 December 2015

Marriage certificate from Mee sewa of Aandhra Pradesh & Telngana

Marriage certificate from Mee sewa of Aandhra Pradesh & Telngana
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Mee Sewa का अर्थ है At Your Service. यह सेवा आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में उपलब्ध है और इसे सरकारों अपनी और से कार्य करने की अनुमति दी है.तेलेंगाना प्रदेश में यह संस्था 322 प्रकार की सेवा दे रही है और आन्ध्र प्रदेश में सेवाओ की संख्या 309 है. तेलंगाना के 10 जिला स्तर पर इसके केंद्र है और आन्ध्र प्रदेश के 13 जिले इस सेवा से आच्छादित है. इन जिलो में इनके केंद्र है और ये केंद्र निर्धारित शुल्क लेकर सेवा देने के लिए बाध्य है, इसको ऐसा भी कहा जा सकता है तेलंगाना और आंधप्रदेश के 322 और 309 सेवाए सरकार के नियंत्रण से मुक्त होकर कम्पुटर के नियंत्रण में है. यह एक अच्छा संकेत इन प्रदेशो के नागरिको के लिए है क्योकि अब इन सेवाओ के लिए नागरिको को सरकार के दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और नहीं बाबू राज के त्रसित होना पड़ेगा. इन सेवाओ में हिन्दू विवाह पंजीयन की व्यवस्था भी है. मी सेवा केंद्र में जाकर कोई भी व्यक्ति अपने विवाह का प्रमाण पत्र बना सकता है. इसके लिए मी सेवा ने आवेदन पत्र भी दिया है. इस आवेदन को आपको समझाने का प्रयास कर रहा हूँ,यदि आप इसे यहाँ समझ लेंगे तब आपको मी सेवा केंद्र में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े. यह फार्म google search में जाकर mee sewa टाईप करने पर आपको mee sewa की साईट मिल जाएगी. इस साईट की quick लिंक्स में Mee Seva Services Forms को क्लिक करे , इसमें विभिन्न विभागों के नाम आयेंगे इसमें से registration को क्लीक करे इसमें Hindu Marriage Registration Application Form-Marriage has been Performed को क्लिक करने पर आपको मेरिज सर्टिफिकेट का फार्म मिल जायेगा. इस फार्म के सबसे पहले कालम में आपको मोबाइल नंबर लिखना है.
perticulars husband wife 
1. a. full name -------------------- before marriage -----------------------
after marriage --------------------------
b. religion Hindu Hindu 
c. select caste same caste inter caste जैसी भी स्थिति हो के अनुसार दोनों में किसी एक चयन करे 
d. caste name ---------------- ---------------------
2. Date of birth ---------------- ----------------------
3. age at Solemnization of the Marriage ------------ ---------------------
4. date of solemnization of the Marriage ----------------- ----------------------
5. rank of profession ------------------- ----------------------
6.Permanent Place of Residence --------------------- ----------------------
a. District ---------------------- ----------------------
b. Mandal --------------------- ----------------------
c. Village/Ward --------------------- ----------------------
d. Complete Address --------------------- ----------------------
e. Distance Of SRO Office From Residence(In KMS) ----------------- --------------------
7. Place with Names of Taluk and District at which marriage was solemnized: 
a. District ----------------- --------------------
b. Mandal ----------------- --------------------
c. Village/Ward ----------------- --------------------
d. Locality/Land Mark ----------------- --------------------
8 Choose SRO Office
a Choose SRO/DR/DIG/JIG Office SRO DR DIG JIG choose one only 
Choose Office -------------------- ------------------
9. relation ship father father/guardian 
10 a. Father (Name in Full) ------------------- ------------------
b. Mother (Name in Full) -------------------- ------------------
11. no of copies ------------------------------------------------------------------------ ( विवाह प्रमाण पत्र कितनी प्रतियों में चाहिए यह लिखे )
12 Whether Bride or Bridegroom is a divorcee divorcee widow divorcee widow
13.Whether period of one year has elapsed from the date noted in the (Col.12) to the date of the application (See Section 15).
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इस फार्म को पूरी तरह भरे, भरने के बाद इसे scan कर desktop पर सेव कर ले. इस आवेदन पत्र के साथ विवाह का आमंत्रण पत्र, वर वधू की जन्म तिथि को प्रमाणित करने वाले अभिलेख जैसे जन्म प्रमाण पत्र, 10 वी की मार्कशीट ,आधार कार्ड यदि उसमे जन्म तिथि अंकित है , मेरिज फोटो (JPEJ/JPG फार्मेट में ) वर वधु के निवास प्रमाण को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज जैसे , नवीनतम बिजली या टेलीफोन का बील, राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि . आमंत्रण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, मेरिज फोटो और निवास के पते के लिए proof किसी एक दस्तावेज की फोटो कॉपी निकालकर उसे स्व प्रमाणित कीजिये फिर इन दस्तावेजो को scan कर desktop पर save करे. इन सब डाकुमेंट को पेन ड्राइव में ट्रांसफर कर ले. पेन ड्राइव को लेकर किसी mee सेवा केंद में ले जाकर दे. वे आपके हस्ताक्षरित आवेदन और आपके अभिलेखों को सबमिट कर देंगे. सबंधित आफिस के अनुमोदन के बाद आपको विवाह प्रमाण पत्र की कॉपी प्रिंट कर देंगे. यदि यह सब आप नहीं कर पाते तो बताये गए documents mee सेवा केंद्र पर ले जाए. वे फार्म भी भर देंगे,सारे documents को scan कर सबमिट कर देंगे. इसके लिए वे निर्धारित शुल्क लेंगे. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है documents. कोंनसे डॉक्यूमेंट लगेंगे इसको मैंने बताया है, कोई भी डाकुमेंट ले जाना न भूले, साथ वर वधु की पास पोर्ट साईज के दो फोटोग्राफ भी ले जाए. क्युकी विवाह प्रमाण पत्र में पति और पत्नी के फोटो लगते है. इसके साथ ही 100-200 इस विवाह के शुल्क के ले जाए. इसकी शुल्क निर्धारित है. यदि आपने तलाक दिया तब मजिस्ट्रेट का तलाक का आदेश ले जाए और पत्नी विधवा थी तो उसके पहले पति का मृत्यु प्रमाण पत्र ले जाना न भूले. कभी कभी पंजीयक इस विवाह के साक्षियों भी अपने समाधान के बुला लेते है. इस कारन साक्षियों का प्रबंध विलम्ब से बचने के लिए पहले से कर लेना चाहिए. छोटे शहरो में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं क्योकि शहर छोटा होने के कारन सब एक दुसरे से परिचित होते है जबकि बड़े शहरो में साक्षी के प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है. अच्छा यही है शादी के तुरंत बाद इस प्रमाण पत्र को प्राप्त कर लिया जाए. शादी की तैयारी की सूची इसे वरीयता पर रखे.यदि विवाह आर्य समाज मंदिर में हुआ तब इस समाज से विवाह का प्रमाण पत्र जरुर ले. आज विवाह प्रमाण पत्र महत्व पूर्ण हो गया है. इसके अभाव में पासपोर्ट नहीं बनेगा, इससे पत्नी आपके शहर की मतदाता बन सकेगी, जाति प्रमाण पत्र के लिए यह आवश्यक होगा. पत्नी को सरकार की किसी योजना में लाभ लेने के यह प्रमाण पत्र ही सहायक होगा. यह भी महत्व पूर्ण है कि यह प्रमाण पत्र पति और पत्नी के हिन्दू होने की दशा में मिलेगा, दोनों में से कोई एक अन्य धर्म को मानता है तब आपको विशेष हिन्दू अधिनियम के तहत कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करने पर प्राप्त होगा. यह मेरे ज्ञान के अनुसार इस प्रमाण पत्र प्रक्रिया आनलाईन नहीं है. इसके कलेक्टर आफिस में आवेदन का फार्म मिलेगा और इसे भरकर देने पर कलेक्टर या जिला विवाह अधिकारी एक सुचना जारी कर इस विवाह के लिए आपति मंगाएगा, यदि एक माह के अन्दर कोई आपति नहीं आती है तब वह विवाह प्रमाण पत्र देगा. यदि आपति आती तब उसे सुनेगा और उसके समाधान पर ही वह प्रमाण पत्र जारी करेगा, कुछ प्रदेशो में विवाह में ही हिन्दू विवाह पंजीयक को बुला लिया जाता है और इसी समय उनका विवाह प्रमाण पत्र भी बन जाता है. विशेष हिन्दू अधिनियम और हिन्दू अधिनियम में बड़ा फर्क है. विशेष हिन्दू अधिनियम में अन्तर्धर्मी विवाह होते है जबकि हिन्दू अधिनियम में हिन्दू धर्म को मानने वालो का ही विवाह होते है. यदि विवाह किसी अन्य धर्मावलम्बी के साथ हुआ है तब ऐसे विवाह पर विशेष हिन्दू अधिनियम लागू होगा.

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